आवास कर्मियों सहित सभी संविदा कर्मियों की सेवा स्थायी हो: प्रदेश अध्यक्ष*

Spread the love

*आवास कर्मियों सहित सभी संविदा कर्मियों की सेवा स्थायी हो: प्रदेश अध्यक्ष*

*संविदा कर्मी महासंघ का प्रेस वार्ता आयोजित*
खगड़िया,17 जनवरी।
बिहार राज्य संविदा कर्मी संघ सह राज्य ग्रामीण आवास कर्मी संघ (सगासा) बिहार के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप कुमार शर्राफ ने महासंघ व संघ प्रदेश प्रवक्ता आचार्य राकेश पासवान शास्त्री तथा संघ के प्रदेश प्रधान महासचिव कृष्णानंद सरस्वती के अलावे संघ के जिला कोषाध्यक्ष चन्दन कुमार की मौजूदगी में कोशी कॉलेज परिसर स्थित प्रेस वार्ता आयोजित किया। उन्होंने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के क्रम में उन्हें ग्रामीण आवास कर्मियों सहित सभी संविदा-आउटसोर्सिंग कर्मियों की ओर से मांग पत्र सौंपे जाने की बात कही। उन्होंने पत्रकारों के एक सवाल के जबाव में कहा कि बिहार सरकार के विभिन्न विभागों/परियोजना/मिशन/सोसाइटी में संविदा पर नियोजित एवं कार्यरत सभी संविदा-आउटसोर्सिंग कर्मियों सहित ग्रामीण विकास विभाग, बिहार पटना के अधीन बिहार रुरल डेवलपमेंट सोसाइटी, पटना के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत संविदा पर नियोजित एवं कार्यरत ग्रामीण आवास कर्मियों यथा ग्रामीण आवास सहायक, ग्रामीण आवास प्रखंड लेखापाल व ग्रामीण आवास पर्यवेक्षक का मानदेय मंहगाई के इस दौर में बहुत ही कम है। एक तरफ सरकार स्थायी कर्मियों को आठवें वेतनमान देने की तैयारी कर रही है। दुसरी तरफ जनता की सेवा में लगे हुए सरकार के विकास के पहिए को निरंतर गतिशील बनाए रखने वाले संविदा-आउटसोर्सिंग कर्मियों को जीवन-यापन व गुजर-बसर करने लायक मानदेय भी नहीं दे रही है सरकार। इसलिए सभी संविदा- आउटसोर्सिंग कर्मियों सहित ग्रामीण आवास कर्मियों के वर्तमान मानदेय का पुनरीक्षण करते हुए इन्हें मंहगाई भत्ता सहित सम्मानजनक व संतोषजनक मानदेय दिये जाने पर बल दिया।
श्री शर्राफ ने कहा कि विगत 18 वर्षों से सरकार व जनता की सेवा में लगे हुए लगभग 12 लाख संविदा-आउटसोर्सिंग कर्मी वर्तमान परिस्थितियों से व्यथित एवं अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित हैं। इसलिए सभी संविदा-आउटसोर्सिंग कर्मियों की सेवा को स्थायी करते हुए सातवें वेतनमान को लागू किया जाए। ड्यूटी आने-जाने के क्रम में यदि किसी संविदा-आउटसोर्सिंग कर्मी की मृत्यु हो जाती है तो इनके परिजन सङक पर आ जाते हैं और भुखमरी के शिकार बन जाते हैं। इसलिए इनके परिजनों को अनुकम्पा का लाभ दिया जाए। अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करते हुए यदि कोई संविदा-आउटसोर्सिंग कर्मी बीमार पड़ जाते हैं या किसी दुर्घटना में जख्मी हो जाते है तो कम मानदेय होने व मानदेय ससमय नहीं मिलने और उनको चिकित्सा अवकाश नहीं मिलने के कारण वे अपना सही से इलाज भी नहीं करा पाते हैं। इसलिए इन्हें कर्मचारी राज्य बीमा का लाभ एवं चिकित्सा अवकाश भी दिया जाए । सभी संविदा-आउटसोर्सिंग कर्मियों को ईपीएफ का लाभ दिया जाए और पुरानी पेंशन प्रणाली को लागू किया जाए। इसके अतिरिक्त वे सभी सुविधाएं एवं लाभ दिया जाए जो वर्तमान में स्थायी कर्मियों को प्राप्त हो रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Corona Update
error: Content is protected !!